माननीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2019-20 के अपने बजट भाषण में कहा, ‘हम एक ही आधार पर मूल तत्वों पर वापस जाएंगे: शून्य बजट खेती।’  यह प्रथा रासायनिक कीटनाशकों के उन्मूलन, पर्यावरण-अनुकूल प्रक्रियाओं के उपयोग और मृदा-उर्वरता और जैविक पदार्थों की बहाली पर जोर देती है। उन्होंने कहा कि इस मॉडल को अन्य राज्यों में भी अपनाया जाना चाहिए और इस संबंध में किसानों को पहले से ही प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस तरह के कदमों से किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिल सकती है।

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